गुलाबी सुंडी का कहर, CAI ने 2023-24 सत्र के लिए कपास उत्पादन अनुमान घटाकर 294.10 लाख गांठ किया
Cotton Production: हरियाणा में ‘पिंक बॉलवर्म’ (Pink Bollworm) कीट के संक्रमण और किसानों द्वारा कपास के पौधों को उखाड़ने के बाद फसल को हुए नुकसान के कारण यह उत्पादन अनुमान घटाया गया है.
(Image- Freepik)
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Cotton Production: भारतीय कपास संघ (CAI) ने 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले मार्केटिंग सेशन 2023-24 के लिए कपास उत्पादन अनुमान घटाकर 294.10 लाख गांठ कर दिया है. हरियाणा में ‘पिंक बॉलवर्म’ (Pink Bollworm) कीट के संक्रमण और किसानों द्वारा कपास के पौधों को उखाड़ने के बाद फसल को हुए नुकसान के कारण यह उत्पादन अनुमान घटाया गया है.
सीएआई ने एक बयान में कहा, हरियाणा में 2023-24 के दौरान कपास उत्पादन 15 लाख गांठ होने का अनुमान है, जबकि पिछले मौसम में यह उत्पादन 11 लाख गांठ का हुआ था. बयान में कहा गया कि वर्ष 2021-22 में कुल कपास उत्पादन 318.90 लाख गांठ था. अक्टूबर में कुल आपूर्ति 54.74 लाख गांठ होने का अनुमान है, जिसमें 24.34 लाख गांठ की आवक, 1.50 लाख गांठ का आयात और सीएआई द्वारा सत्र की शुरुआत में 28.90 लाख गांठ का शुरुआती बचा स्टॉक शामिल है.
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311 लाख गांठ घरेलू खपत का अनुमान
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इसके अलावा, सीएआई (CAI) ने कपास की खपत 26 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया है, जबकि 31 अक्टूबर तक निर्यात शिपमेंट एक लाख गांठ होने का अनुमान है. कपास सत्र 2023-24 के अंत तक (यानी 30 सितंबर, 2024 तक) कुल कपास आपूर्ति 345 लाख गांठ होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल कुल कपास आपूर्ति 355.40 लाख गांठ थी.
सीएआई का अनुमान है कि इस सत्र में कपास (Cotton) का आयात 9.50 लाख गांठ बढ़कर 22 लाख गांठ हो जाएगा, जो पिछले सत्र में 12.50 लाख गांठ का हुआ था. घरेलू खपत पिछले साल के बराबर यानी 311 लाख गांठ रहने का अनुमान है. सीएआई ने कहा कि सत्र के लिए निर्यात पिछले साल के 15.50 लाख गांठ की तुलना में 1.50 लाख गांठ कम यानी 14 लाख गांठ रहने का अनुमान है.
गुलाबी सुंडी की रोकथाम के लिए क्या करें?
किसान गुलाबी सुंडी से कपास की फसल बचाने के लिए लगातार खेत की निगरानी करें. कपास की लकड़ियों के ढेर खेत में न लगाएं. इन्हें घर ले जाकर ढेर बनाने की बजाए लंबवत खड़ा करें और ढक कर रखें.
- बिजाई 15 अप्रैल से 15 मई के बीच ही करें
- खेत में लगे 2 फेरोमोन ट्रैप, 100 फूलों या 20 हरे टिंडे प्रति एकड़ खोलकर देखें
- पहले 60 दिन तक नीम आधारित कीटनाशकों का ही इस्तेमाल करें
- बचाव के लिए फसल में निगरानी के लिए प्रति एकड़ फेरोमोन ट्रैप लगाएं
- खेत में लकड़ियों और मीलों में बिनौले के ढेर खुले में ना बनाएं
- अगेती व पिछेती बिजाई ना करें
- सिफारिश किए गए कीटनाशकों का इस्तेमाल करें
11:57 AM IST